स्टॉक मार्केट में अक्सर ऐसा होता है कि जब प्रमोटर्स (कंपनी के संस्थापक या मुख्य शेयरधारक) अपने ही शेयर्स खरीदते हैं, तो निवेशकों का ध्यान उस स्टॉक की तरफ चला जाता है। आज हम क्रेस्ट वेंचर्स और जेटेकेट इंडिया के स्टॉक्स पर चर्चा करेंगे, जहां प्रमोटर्स ने हाल ही में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। साथ ही, समझेंगे कि यह कदम रिटेल निवेशकों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है।

प्रमोटर्स ने हिस्सेदारी बढ़ाई
प्रमोटर्स का कंपनी में अतिरिक्त शेयर्स खरीदना एक “विश्वास का संकेत” माना जाता है। इसका मतलब यह हो सकता है:
- कंपनी अंडरवैल्यूड है – प्रमोटर्स को लगता है कि शेयर की कीमत अभी कम है, भविष्य में बढ़ेगी।
- बड़ी योजनाएं हैं – कोई मर्जर, एक्विजिशन या नया प्रोजेक्ट लॉन्च हो सकता है।
- नियंत्रण मजबूत करना है – टेकओवर से बचने या वोटिंग पावर बढ़ाने के लिए।
ध्यान रखें: हर बार प्रमोटर्स का शेयर्स खरीदना सुनहरा संकेत नहीं होता। कभी-कभी व्यक्तिगत कारण या टैक्स प्लानिंग भी हो सकती है। इसलिए, पूरी जानकारी जरूर चेक करें।
1. क्रेस्ट वेंचर्स
क्रेस्ट वेंचर्स एक एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) है जो रियल एस्टेट, फाइनेंशियल सर्विसेज और निवेश के क्षेत्र में काम करती है।
- प्रमोटर (प्रियंका फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड) ने 66,001 शेयर्स खरीदे 400.5 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर।
- कुल निवेश: 2.64 करोड़ रुपये (0.23% इक्विटी)
- अब प्रमोटर की कुल हिस्सेदारी: 4.50%
क्रेस्ट वेंचर्स का क्या भविष्य?
- रियल एस्टेट सेक्टर अब रिकवरी मोड में है, जिससे एनबीएफसी को फायदा हो सकता है।
- प्रमोटर्स का निवेश एक सकारात्मक संकेत है कि कंपनी की ग्रोथ मजबूत है।
- स्टॉक की कीमत पिछले 1 साल में 320 रुपये से 420 रुपये के बीच रही है।
2. जेटेकेट इंडिया
जेटेकेट इंडिया एक ऑटो बेयरिंग्स निर्माता है जो ग्लोबल कंपनी जेटेकेट ग्रुप (जापान) का हिस्सा है।
- प्रमोटर (जेटेकेट बेयरिंग्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) ने 10,000 शेयर्स खरीदे 141.8 रुपये प्रति शेयर पर।
- कुल निवेश: 14.17 लाख रुपये (इक्विटी का नगण्य प्रतिशत)
- अब प्रमोटर की हिस्सेदारी: 10,000 शेयर्स
जेटेकेट इंडिया का ट्रेंड क्या कहता है?
- ऑटो सेक्टर की मांग बढ़ रही है, जिससे बेयरिंग्स की डिमांड भी बढ़ेगी।
- स्टॉक 52-वीक लो (120 रुपये) से रिकवर कर चुका है और अब 140-150 रुपये के रेंज में ट्रेड कर रहा है।
- ग्लोबल पेरेंट कंपनी का सपोर्ट है, जिससे लॉन्ग-टर्म स्थिरता मिलती है।
निवेशकों के लिए मुख्य बातें
प्रमोटर्स का शेयर्स खरीदना एक सकारात्मक संकेत जरूर है, लेकिन यह एक ही फैक्टर नहीं है। इसके साथ इन बातों पर भी गौर करें:
- कंपनी के फंडामेंटल्स – प्रॉफिट, कर्ज, रेवेन्यू ग्रोथ कैसी है?
- सेक्टर का प्रदर्शन – रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर का ट्रेंड क्या है?
- मार्केट का मूड – कुल मिलाकर मार्केट बुलिश है या बेयरिश?
अंतिम बात
प्रमोटर्स का अपने शेयर्स में पैसा लगाना एक आत्मविश्वास बढ़ाने वाला कदम जरूर है, लेकिन अंधाधुंध फॉलो न करें। निवेश से पहले अपनी रिसर्च जरूर करें, और किसी ट्रस्टेड फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें।
Disclaimer: ऊपर दिए गए विचार और सिफारिशें व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं, न कि "Finance Solo" की। याद रखें: यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है, स्टॉक मार्केट जुआ नहीं, सही जानकारी और धैर्य से ही कमाई होती है| हमेशा खुद की रिसर्च करें य एक्सपर्ट की सलाह लें!